स्मार्ट शहरों में होंगे 'स्मार्ट बैंक'
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वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कहा है कि वे स्मार्ट शहरों के लिए अभी से अपने कामकाज का तरीका स्मार्ट बनाने में जुट जाएं।
स्मार्ट शहरों में होंगे ‘स्मार्ट बैंक’ -वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों को स्मार्ट शहरों के लिए अभी से तैयारी करने को कहा
-नई दिल्ली (हरिकिशन शर्मा)। स्मार्ट शहर बनाने की महत्वाकांक्षी योजना शुरु करने के बाद सरकार अब इन शहरों में स्मार्ट बैंकिंग सुविधा देने की तैयारी भी कर रही है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कहा है कि वे स्मार्ट शहरों के लिए अभी से अपने कामकाज का तरीका स्मार्ट बनाने में जुट जाएं।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों की सोमवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में मंत्रालय ने यह निर्देश दिया। इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकारी बैंकों के कामकाज की समीक्षा की थी।
सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने बैंकों को स्पष्ट कहा है कि स्मार्ट सिटी टेक सेवी होंगे और उनमें पर्याप्त डिजीटल सुविधाएं होंगी। ऐसे में सरकारी बैंकों को अभी इन शहरों के लिए अपनी योजनाएं बनानी शुरु कर देनी चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि सरकारी बैंकों को इन शहरों की क्रियान्वयन एजेंसियों के साथ संपर्क कर साझेदारी करनी चाहिए ताकि वे शहरों में डिजिटल पेमेंट का इको सिस्टम प्रदान कर सकें।
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सूत्रों ने कहा कि दुनियाभर के स्मार्ट शहरों का अनुभव बताता है कि वहां कैश लेन-देन कम होता है। पार्किग से लेकर, बिजली-पानी के बिल, परिवहन, खरीददारी जैसे कामों के लिए कार्ड या आनलाइन भुगतान होता है। स्मार्ट शहरों में सभी परिवारों के पास बैंकिंग सुविधा होने और सूचना प्रौद्योगिकी की सुविधाएं होने से लोग कैश में लेन-देन करने से बचते हैं।
इस बीच सरकार बैंकों के डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए कुछ प्रोत्साहन दे सकती है। वैसे भी अगर डिजिटल लेन-देन बढ़ता है तो बैंकों को लागत भी कम आएगी।
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बैंकों को प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल के साथ-साथ सभी एटीएम मशीनों को ‘आधार’ के लायक बनाने को कहा है। ऐसा होने पर सभी मौजूदा एटीएम मशीनों और नए एटीएम को ऐसा बनाना होगा जो ग्राहक की अंगुलियों की छाप (बॉयोमीट्रिक्स) को पहचान सकें। ऐसा होने पर एटीएम कार्ड की सुरक्षा बढ़ जाएगी और उनसे फ्रॉड की संभावना भी लगभग खत्म हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 100 शहरों को स्मार्ट बनाने की घोषणा की है जिसमें से पहले चरण में 20 शहरों को स्मार्ट बनाया जा रहा है।
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