'स्किल सेस' से बढ़ सकता है टैक्स का बोझ, नीति आयोग ने की सिफारिश

[ad_1]

‘स्किल सेस’ से बढ़ सकता है टैक्स का बोझ, नीति आयोग ने की सिफारिश

नीति आयोग का कहना है कि ‘स्किल सेस’ से जुटाई जाने वाली धनराशि का इस्तेमाल युवाओं को कौशल प्रशिक्षण मुहैया कराने के लिए किया जाए।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार को अगर नीति आयोग का एक सुझाव पसंद आया तो लोगों पर टैक्स का बोझ और बढ़ सकता है। यानि आम जनता को ‘स्वच्छ भारत सेस’ और ‘कृषि कल्याण सेस’ के बाद ‘स्किल सेस’ के लिए भी जेब ढीली करनी पड़ सकती है। आयोग का कहना है कि ‘स्किल सेस’ से जुटाई जाने वाली धनराशि का इस्तेमाल युवाओं को कौशल प्रशिक्षण मुहैया कराने के लिए किया जाए।

ये भी पढ़ेंः रक्षा, विमानन में 100 फीसद विदेशी निवेश को मंजूरी, अन्य क्षेत्रों में भी हुअा बदलाव

नीति आयोग ने यह सुझाव 12वीं पंचवर्षीय योजना की समीक्षा रिपोर्ट में दिया है, जिसके मसौदे को सरकार ने हाल ही में मंजूरी दी है। राज्य सरकारें भी इस मसौदे पर अपनी टिप्पणियां आयोग के पास भेज चुकी हैं। अब आयोग इस मसौदे को जल्द ही नीति आयोग की गवर्निग काउंसिल की बैठक में रखेगा।

सूत्रों के मुताबिक आयोग का कहना है कि 2022 तक 50 करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने के लिए बड़ी मात्रा में वित्तीय संसाधनों की जरूरत पड़ेगी। फिलहाल कौशल विकास के लिए धन का स्रोत सिर्फ बजटीय संसाधन ही हैं। ऐसे में ‘स्किल सेस’ लगाकर वैकल्पिक फंडिंग जुटानी चाहिए।

ये भी पढ़ेंः एविएशन में 100% FDI से नई एयरलाइनों और छोटे-मझोले एयरपोर्ट का विकास होगा

इससे पहले आयोग की ही सिफारिश पर सरकार ने स्वच्छ भारत सेस लगाया था। अब सभी तरह की करयोग्य सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत स्वच्छ भारत सेस और 0.5 प्रतिशत कृषि सेस लगता है। इसके लगने से कई सेवाएं महंगी हो चुकी हैं। कृषि सेस तो अभी एक जून से लागू हुआ है।

हालांकि कैग की रिपोर्ट कहती है कि सरकार जिस मकसद से सेस लगाती है उस धनराशि का पूरा इस्तेमाल नहीं किया जाता। सूत्रों का कहना है कि आयोग ने एजुकेशन सेस की राशि को भी कौशल प्रशिक्षण के लिए मुहैया कराने की सिफारिश की है। साथ ही सांसद और विधायकों की स्थानीय विकास निधि को भी इसमें इस्तेमाल करने की संभावनाएं तलाशने पर जोर दिया है।

ये भी पढ़ेंः बिजनेस की सभी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

ये भी पढ़ेंः देश की सभी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

[ad_2]

CATEGORIES
Share This

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus (0 )