शौचालय बनाने के लिए गिरवी रख दी पत्नी की पायल और बकरी भी बेची
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राजस्थान के डूंगरपुर में एक दिहाड़ी मजदूर ने टॉयलेट बनाने के लिए अपनी बकरी बेचने के साथ पत्नी के पायल गिरवी रख दिए।
उदयपुर (जेएनएन)। गत दिनों छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में 104 वर्षीय वृद्धा श्रीमती कुंवरबाई द्वारा बकरियां बेचकर शौचालय निर्माण करने और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कुंवरबाई के चरण स्पर्श करने के वाकये की देशभर में चर्चा रही। लेकिन, राजस्थान के डूंगरपुर में एक दिहाड़ी मजदूर और आदिवासी परिवार ने टॉयलेट बनाने के लिए अपनी बकरी को बेच दिया और पत्नी की पायल गिरवी पर रख दिए।
गरीब परिवार को स्वच्छ भारत अभियान से मिली प्रेरणा
डूंगरपुर-रतनपुर-अहमदाबाद मार्ग पर सड़क किनारे एक टूटी-फूटी झोंपड़ी में रहने वाले श्री कांतिलाल रोत दिहाड़ी मजदूरी करते हैं जिनके पास अपनी विधवा मां, स्वर्गीय छोटे भाई की पत्नी व बच्चों के साथ अपने परिवार के पालन- पोषण की भी जिम्मेदारी थी। कुछ दिन पहले स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर परिषद डूंगरपुर द्वारा चलाए गए विशेष अभियान के तहत काम कर रहे फिनिश सोसायटी के प्रतिनिधियों ने उससे संपर्क किया और परिवारजनों को शौचालय बनवाने के लिए समझाया। शहर से सटी बस्ती के कारण विधवा मां श्रीमती लाली रोत भी अपनी दोनों बहुओं और खुद के लिए शौचालय की आवश्यकता महसूस कर रही थी। उसे बताया गया कि नगरपरिषद द्वारा प्रोत्साहन राशि के रूप में केन्द्र सरकार की ओर से 4 हजार, राज्य सरकार के 4 हजार रुपये तथा नगरपरिषद की ओर से 4 हजार रुपये मिलाकर कुल 12 हजार रुपये दिए जाएंगे तो पूरा परिवार खुशी-खुशी शौचालय बनवाने के लिए तैयार हो गया।
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प्रोत्साहन राशि के चार हजार की प्रथम किश्त मिलने के साथ ही पूरे परिवार ने खुद के हाथों गड्डा खोदना प्रारंभ किया। शेष राशि मिलने के बाद आवश्यक सामग्री खरीद कर उपर का ढांचा और पानी की टंकी भी बना ली परंतु अब उनके पास कारीगरों को चुकाने के लिए राशि खत्म हो चुकी थी। विधवा मां की जिद थी कि शौचालय तो बनेगा ही। उसकी सलाह पर श्री कांतिलाल ने अपने घर की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाली सात बकरियों में से एक बकरी 5 हजार रुपये में बेच दी और कारीगरों को मजदूरी का भुगतान किया।
अब शौचालय के दरवाजे और अन्य सामग्री के लिए और धनराशि की आवश्यकता हुई तो उसकी पत्नी श्रीमती गौरी ने अपनी शादी में पीहर से आई हुई चांदी की पायल को गिरवी रखने के लिए दे दिया। बस फिर क्या था, श्री कांतिलाल ने बाजार में पायल को गिरवी रखकर चार हजार रुपये लिए और अपने शौचालय को पूर्ण करवाया और अब पूरा परिवार इसी शौचालय का उपयोग करता है।
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डूंगरपुर नगर निगम के अध्यक्ष के.के. गुप्ता ने इस काम के लिए कांतिलाल के परिवार को सम्मानित किया है और बाकी की 4000 रुपये की किस्त भी जारी कर दी है। इसके अलावा उन्होंने, पत्नी की पायल वापस लाने के लिए उन्हें अलग से 4000 रुपये दिए गए हैं।
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