मनी लांड्रिंग मामले में भुजबल की 90 करोड़ की संपति जब्त
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मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद राकांपा नेता के खिलाफ संपति जब्ती की यह पांचवीं कार्रवाई है।
मुंबई, प्रेट्र। मनी लांड्रिंग मामले में ताजा कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल की करीब 90 करोड़ रुपये की संपति जब्त कर ली। मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद राकांपा नेता के खिलाफ संपति जब्ती की यह पांचवीं कार्रवाई है। ईडी अब तक उनकी लगभग 433 करोड़ रुपये की संपति अटैच कर चुकी है।
ईडी के अनुसार, ‘भुजबल और उनके परिवार के नाम पर मुंबई, नासिक, अहमदनगर स्थित 22 अचल संपतियों को जब्त किया गया है। गुरुवार को अटैच संपति में फ्लैट, दुकान, जमीन, औद्योगिक प्लाट शामिल हैं। बाजार दर पर इनकी संपति 90 करोड़ आंकी गई है।’ भुजबल और उनके भतीजे समीर को इस साल के शुरू में ईडी ने गिरफ्तार किया था। भुजबल के बेटे और राकांपा विधायक पंकज भी इस मामले में एक आरोपी हैं। लेकिन मुंबई हाई कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से छूट दी है।
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भुजबल पर आरोप है कि जब वह महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री थे तो उनके द्वारा रिश्वत में हासिल की गई रकम को उनके परिजनों ने गैरकानूनी तरीके से खपाने का काम किया था। ईडी ने उन पर नई दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन के निर्माण का ठेका देने में धांधली का आरोप लगाया है। मुंबई के कलीना भूमि घोटाले में भी भुजबल का हाथ होने का आरोप है। इस साल 30 मार्च को ईडी ने भुजबल, समीर, पंकज, डीबी रियल्टी, बलवा ग्रुप, नीलकमल रियलटर एंड बिल्डर्स, नीलकमल सेंट्रल अपार्टमेंट एलएलपी, काकाडे इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था।
प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत संपति जब्ती की कार्रवाई के खिलाफ आरोपी 180 दिन के भीतर निर्णायक प्राधिकरण में अपील दायर कर सकता है। भुजबल और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट ने दिसंबर, 2014 में एसआइटी का गठन किया था। इस विशेष जांच दल में ईडी और महाराष्ट्र एसीबी को शामिल किया गया था।
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