नोटबंदी: तेजी से बदलते नियमों से बैंक हलकान और ग्राहक परेशान

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नोटबंदी: तेजी से बदलते नियमों से बैंक हलकान और ग्राहक परेशान

नोटबंदी को लेकर सरकार इतनी तेजी से नियम बदल रही है कि उसे लागू करने में परेशानी हो रही है।

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो): नोटबंदी को लेकर सरकार इतनी तेजी से नियम बदल रही है कि उसे लागू करने में परेशानी हो रही है। वित्त मंत्रालय के स्तर पर समीक्षा के बाद रोजाना बदले जा रहे नियम और उसके बारे में समय पर आवश्यक निर्देश जारी न होने पाने से बैंक हलकान हैं। कुछ फैसलों को लेकर तो अभी तक अस्पष्टता है तो कुछ फैसले जमीनी हकीकत से दूर हैं।

मसलन पेट्रोल पंपों पर स्वीकार किये जाने वाले डेबिट व क्रेडिट कार्ड को लेकर यही हो रहा है। इसी तरह से क्रेडिट कार्ड के जरिये किसानों को दी जाने वाली राशि को लेकर भी बैंकों के सामने स्पष्ट नियम नहीं हैं। इन वजहों से बैंक की शाखाओं में ग्राहकों और बैंककर्मियों के बीच विवाद भी हो रहे हैं। कनाट प्लेस में भारतीय स्टेट बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि रोजाना नियम बदले गये नियमों के बारे में ग्राहकों को समझाना मुश्किल हो रहा है। शुक्रवार को देर रात में यह फैसला हुआ कि शनिवार को आम जनता की नकदी एक्सचेंज नहीं की जाएगी।

उन्होंने बताया कि हमें जो जानकारी टीवी चैनलों या समाचार पत्रों से मिली लेकिन सुबह नौ बजे जब शाखा खोली तो हमारे पास इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं थी। इस सूचना से अनजान कई ग्राहक भी नोट बदलवाने के लिए पहुंचे। जब उन्हें बताया गया कि आज सिर्फ बुजुर्गो के नोट बदले जाएंगे तो उनके गुस्से का शिकार होना पड़ा। इस तरह की स्थिति उस दिन भी हुई थी जब पुराने नोट एक्सचेंज की सीमा घटाकर दो हजार रुपये की गई थी। यह फैसला गुरुवार को हुआ था लेकिन आरबीआइ का निर्देश अगले दिन देर शाम तक मिल पाया।

इसी तरह का असमंजस पेट्रोल पंपों पर नोट बदलने की सुविधा को लेकर भी है। दिल्ली समेत कई शहरों से यह सूचना आई है कि पेट्रोल पंप पर ग्राहकों व कर्मचारियों के बीच काफी झड़पें हुई हैं। यह सुविधा अभी सिर्फ उन्हीं पेट्रोल पंपों पर शुरू की गई है जहां भारतीय स्टेट बैंक की कार्ड स्वैपिंग मशीन लगी हैं। लेकिन इस बारे में पेट्रोल पंपों को आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया गया। इस वजह से शनिवार को ग्राहक हर पेट्रोल पंप पर जाकर कैश की मांग करने लगे। इसी तरह से दो दिन पहले किसान क्रेडिट कार्ड पर 25 हजार रुपये देने की घोषणा की गई है। लेकिन सूचना है कि अभी तक रिजर्व बैंक ने इसके बारे में बैंकों को निर्देश नहीं भेजा है।

छोटे व्यापारियों को बैंक खाते से एक हफ्ते में 50 हजार रुपये निकालने की छूट दी गई है लेकिन इसके नियमों को लेकर भी अस्पष्टता है। सरकार की तरफ से बताया गया है कि जिन व्यापारियों ने पिछले तीन महीने से लगातार अपने चालू खाते को बरकरार रखा होगा, उसे ही यह राहत मिलेगी। इस बारे में बैंकों को कोई सूचना नहीं है और उनके कर्मचारियों को कारोबारियों को समझाने में पसीने छूट रहे हैं।

इसी तरह से पिछले दस दिनों के भीतर नोट पाबंदी से आम जनता को परेशानी से बचाने के लिए और भी कई फैसले किये गये, जिन्हें अभी तक लागू नहीं किया जा सका है। मसलन, देश के 1.5 लाख बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट के जरिये गांवों में पैसा बांटने का काम अधिकांश बैंक शुरू नहीं कर पाये हैं। बैंकों का कहना है कि जब उनके ब्रांच में बांटने के लिए कैश की कमी है तो फिर बीसी को कितनी राशि दी जा सकती है। माइक्रो एटीएम के जरिये नकदी वितरित करने का काम एकाध बैंकों के अलावा कोई नहीं शुरू कर पाया है।

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