नोटबंदी के बाद जमा हुई भारी नकदी, बैंको ने घटाईं जमा पर ब्याज दरें
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नोटबंदी के बाद देश के बैंकों में भारी मात्रा में नकदी जमा हुई है। इस बीच छोटी अवधि के लिए बैंक में एफडी कराने वाले ग्राहकों के लिए बुरी खबर है
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद देश के बैंकों में भारी मात्रा में नकदी जमा हुई है। इस बीच छोटी अवधि के लिए बैंक में एफडी कराने वाले ग्राहकों के लिए बुरी खबर है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने जमा पर ब्याज दरों को 15 बेसिस अंक घटा दिया है। यह दर एक से तीन साल तक की जमाओं के लिए घटाई गयी हैं। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में बीते 7 दिनों में 1,14,139 करोड़ रुपए जमा हुए हैं।
कोटक बैंक ने भी घटाई जमा पर ब्याज दर:
खबरों के मुताबिक निजी क्षेत्र के बैंक कोटक महिंद्रा बैंक ने एक साल के फिक्स्ड डिपॉजिट पर 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। वहीं दो और तीन साल के लिए जमा की दरें 50 बेसिस प्वाइंट तक घटाई गईं हैं। कटौती के बाद कोटक महिंद्रा बैंक की ब्याज दर एक साल की अवधि के लिए 7% हो गई है, जो समानावधि के लिए स्टेट बैंक की ओर से 7.05% से कम है। बैंक की ओर से घटाई गई ब्याज दरें सोमवार को लागू होंगी।
एचडीएफसी ने भी घटाई ब्याज दर:
देश के बड़े निजी क्षेत्र के बैंक एचडीएफसी ने भी एक साल की अवधि वाले जमा पर ब्याज दरें 25 बेसिस प्वाइंट घटा दी हैं। इस कटौती के बाद बैंक की 1 साल की एफडी पर ब्याज दर 7 फीसदी हो जाएगी। वहीं बैंक की ओर से दो और तीन साल की अवधि वाली एफडी पर भी बैंक ने 25 बेसिस प्वाइंट की कमी की है।
क्यों घटा रहे हैं बैंक जमा पर ब्याज दरें?
भारी नकदी आने के बाद बैंकों पर इस जमा पर ब्याज देने का दवाब है, जिसके कारण बैंक अब जमा पर ब्याज दरें घटा रहे हैं। साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जनवरी 2015 से अब तक नीतिगत दरों में 175 बेसिस प्वाइंट की कमी की गई है। इस कटौती को ग्राहकों तक पहुंचाने का दवाब बैंकों पर है।
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