निर्यात में दिखने लगे सुधार के लक्षण
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बीते डेढ़ साल में निर्यात में तेज गिरावट के बाद सकारात्मक रुख देखने को मिला है।
नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। बीते डेढ़ वर्ष में निर्यात की तेज गिरावट के बाद अब इसमें सुधार के लक्षण दिखने लगे हैं। मई 2016 में निर्यात में गिरावट की दर एक फीसद से भी नीचे रह गई है। हालांकि अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और जापान को होने वाले निर्यात में कमी का दौर अभी बना हुआ है। लेकिन चीन को होने वाले निर्यात में अब सकारात्मक रुख दिखने लगा है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की तरफ से मई 2016 के विदेश व्यापार के आंकड़ों के मुताबिक इस महीने देश से 22.17 अरब डालर का निर्यात हुआ। बीते साल के इसी महीने के निर्यात के मुकाबले यह 0.79 फीसद कम है। लेकिन मई के दौरान किए गए निर्यात की कीमत को भारतीय मुद्रा के नजरिए से देखें तो इसमें 4.04 फीसद की वृद्धि दिख रही है। संभवत: बीते 18 महीनों में यह पहला मौका है जब निर्यात में सकारात्मक वृद्धि देखने को मिली है। निर्यात में सुधार का प्रभाव देश के विदेश व्यापार घाटे पर भी दिखा है।
मई 2016 में यह घाटा केवल 6.27 अरब डालर का रह गया है। इससे देश के चालू खाते के घाटे को भी नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी। व्यापार घाटा कम रहने की एक वजह इस महीने आयात में तेज गिरावट रही है। इस अवधि में देश का आयात बीते साल के इसी महीने के मुकाबले 13.16 फीसद कम हुआ है। हालांकि इस सबके बावजूद अभी निर्यात की चिंताएं दूर नहीं हुई हैं। दुनिया के बड़े बाजार अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और जापान को निर्यात में गिरावट की रफ्तार अभी भी बदस्तूर जारी है। अकेला चीन एकमात्र देश है जिसको किये जाने वाले निर्यात में वृद्धि देखने को मिल रही है। विश्व व्यापार संगठन के आंकड़ों के अनुसार चीन को मार्च में हुए निर्यात में 11.39 फीसद की वृद्धि हुई है। जबकि अमेरिका को हुए निर्यात में 6.15 फीसद, यूरोपीय यूनियन को 1.42 फीसद और जापान को निर्यात में 0.25 फीसद की कमी रही है।
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