देश में तेजी से फैल रहा है नकली नोटों का कारोबार

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देश में तेजी से फैल रहा है नकली नोटों का कारोबार

देश में तेज़ी से नकली नोटों का कारोबार फैल रहा है। राज्यों और केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों से जानकारी साझा करने के लिए विशेष समन्वय समूह का गठन किया गया।

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत की करेंसी में हर 10 लाख में 250 नोट नकली हैं। पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की एक बैठक में सरकार से नोटों की नई श्रृंखला के डिजाइन की सिफारिश की गई थी। केंद्रीय बोर्ड के मुताबिक, नई श्रृंखला के प्रस्ताव का कारण नकली नोटों का देश की अर्थव्यवस्था में बढ़ता खतरा था, क्योंकि भारत एक नकदी आधारित अर्थव्यवस्था है। एक डेटा के अनुसार, 2015 में जब्त की गई नकली नोटों में 43 प्रतिशत दिल्ली और यूपी से बरामद की गई थी। भारतीय नकली करेंसी नोट 70 करोड़ रुपये के अंकित मूल्य के साथ हर साल अर्थव्यवस्था में प्रवेश करती हैं। जिसमें से केवल एक-तिहाई को रोका जाता है।

जानिए कितनी खतरनाक है ये नकली नोटों की समस्या

भारतीय सांख्यिकी संस्थान द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार हर 10 लाख संचलित नोटों में 250 नकली हैं। आमतौर पर इस समय 400 करोड़ रुपये के नोट देश में चल रहे हैं। अध्ययन में पता चला है कि 70 करोड़ रुपये के अंकित मूल्य वाले नकली नोट हर साल प्रणाली में संचलित हो रहे हैं। कानून प्रवर्तन एजेंसियां उनमें से केवल एक तिहाई का अवरोधन करने में सक्षम हैं। यह तथ्य खुद ही एजेंसियों द्वारा स्वीकारा गया है। 100 और 500 रुपये के नकली नोटों की पहचान 1,000 रुपये के नोटों से 10 प्रतिशत का दर से अधिक पाई गई है। अध्ययन में 1000 रुपये के नकली नोट कुल नकली नोटों के मूल्य के 50% माने गए हैं।

कैसे नकली नोट भारत में आते हैं और क्या है मुनाफा

आईबी, रॉ, राजस्व खुफिया और सीबीआई निदेशालय की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की
सैन्य खुफिया एजेंसी और आईएसआई को भारत में जाली नोटों से लगभग 500 करोड़ रुपये
का सालाना मुनाफा होता है। रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआई को पाकिस्तान में उत्पादित प्रत्येक भारतीय नकली नोट पर 30-40% का मुनाफा मिलता है। साल 2010 में विदेशों से कुल 1,600 करोड़ रुपये के नकली नोट भारत आए थे। इससे आईएसआई को 500 करोड़ रुपये लाभ हुआ था।

नकली नोटों की रोकथाम में सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा

3 मई को संसद में गृह मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के मुताबिक 2013 के बाद से भारत में नकली नोटों का प्रचलन में कमी दर्ज की गई है। साल 2015 में भारतीय रिजर्व बैंक और जांच एजेंसियों ने 6.32 लाख के नकली नोटों जब्त किए थे,जिनकी कीमत 30.43 करोड़ रुपये थी। जबकि एक साल पहले इन नकली करेंसी में 10% की कमी नोट की गई थी। विभिन्न एजेंसियों ने 2015 में भारतीय नकली करेंसी नोट की तस्करी व प्रचलन के मामले में 816 लोग को आरोपी बनाया था। मामलों में 788 एफआईआर दर्ज की गई थीं।

सरकार ने अब तक क्या कदम उठाए

सरकार ने राज्यों और केंद्र की सुरक्षा एजेंसियों के साथ एफआईसीएन जानकारी साझा करने के लिए गृह मंत्रालय में एक विशेष नकली नोट समन्वय समूह का गठन किया है। साथ ही, आतंक अनुदान और नकली मुद्रा सेल को राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जोड़ा गया है, ताकि आतंकी धन और नकली नोटों के मामलों की जांच की जा सके।

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