जो मनुष्य़ इस व्रत को करता है उसे मृत्यु के समय मानसिक व शारीरिक कष्ट नही होता है
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इस दिन व्रत करने के अतिरिक्त जप, तप गंगा स्नान आदि कार्य करना शुभ रहता है। इस व्रत में सबसे पहले श्री विष्णु जी की पूजा कि जाती है तथा व्रत कथा को सुना जाता है
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