जानिए, टैक्सेबल इंकम न होने पर भी कब जरूरी हो जाता है रिटर्न फाइल करना?
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आमतौर पर यह माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति की सालाना आय इंकम टैक्स के दायरे में नहीं आती तो उसे रिटर्न फाइल करने की कोई आवश्यकता नहीं है
आमतौर पर यह माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति की सालाना आय इंकम टैक्स के दायरे में नहीं आती तो उसे रिटर्न फाइल करने की कोई आवश्यकता नहीं है। पहली नजर में यह बात बिल्कुल सही भी है। लेकिन आयकर कानून की बारीकियां जानने वाले विशेषज्ञ बताते हैं कि कुछ प्रावधान ऐसे भी होते हैं जब आय टैक्सेबल सीमा से कम होने पर भी इंकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी हो जाता है।
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फाइनेन्शियल एक्सपर्ट अंकित गुप्ता के मुताबिक आयकर अधिनियम 1961 के नियम 139 (1) (Provison of section 139[1]) के अंतर्गत ऐसे दो प्रावधान हैं जब किसी व्यक्ति को टैक्सेबल सीमा से कम आय होने पर भी रिटर्न फाइल करना जरूरी होता है।
पहला – कोई भारतीय नागरिक अगर भारत के बाहर किसी तरह वित्तीय रूप से जुड़ा है तब उसको टैक्सेबल आय न होने पर भी रिटर्न फाइल करना जरूरी है। मसलन भारत के बाहर अगर कोई व्यक्ति किसी कंपनी में कोई पद रखता है तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को इंकम टैक्स रिटर्न फाइल करना आवश्यक हो जाएगा।
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दूसरा – किसी भारतीय नागरिक का अगर विदेश में कोई बैक खाता है या किसी बैंक खाते में उसके हस्ताक्षर दर्ज हैं तो ऐसी स्थिति में भी उस व्यक्ति को इंकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा।
साधारण भाषा में समझ लें तो किसी भी भारतीय नागरिक का अगर देश के बाहर कोई वित्तीय लेन-देन होता है तो उसे साल के अंत में इंकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी होता है, चाहे आय टैक्सेबल सीमा के अंतर्गत आती हो या नहीं।
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