छात्रों की याद्दाश्त बढ़ाने की 10 महत्वपूर्ण टिप्स एवं तकनीक

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आज की दुनिया में जानकारी प्राप्त करने के कई साधन उपलब्ध हैं, साथ ही कई परस्पर विरोधाभाषी दृष्टिकोण भी देखने को मिलती हैं l जिसके कारण हमें यह समझ में नहीं आता कि कैसे और कहां से शुरूआत करें। कई बार ऐसा होता है, कि सूचनाओं के बारे में जो हम सोचते हैं वह होता नहीं है। आवश्यक और प्रभावशाली जानकारी हासिल करने हेतु आपके पास हमेशा एक प्रभावशाली माध्यम (रास्ता) होता है, जिसके तहत आप किसी भी श्रोत से सही और प्रामाणिक जानकारी हासिल कर सकते हैं l याद करने तथा सीखने के लिए हमेशा एक प्रभावशाली दृष्टिकोण की जरूरत होती है l

Jagranjosh.com आपके लिए 10 ऐसे उपयोगी सुझावों को लाया है, जिन्हें छात्र अपनी पढ़ाई और विषयों को पढ़ते समय अगर धयान में रखें तो यह काफी सहायक हो सकता है | 

1. टॉपिक को सबसे पहले खुद को समझाऐ :

जब भी किसी विषय को पढ़े उसे खुद को समझाने की कोशिश करें, इसके लिए एक बेहतर तरीका है की आपने जो भी पढ़ा है उसका एक लेक्चर तैयार करें और शीशे के सामने या किसी जगह बैठ कर पूरा टॉपिक खुद को एक लेक्चर के रूप में समझाएं, यदि आप इसे अच्छी तरह से समझा सकते हैं तो याद करने की कोई जरूरत नहीं होती है । ऐसा करने से आपको वह टॉपिक अच्छी तरह से समझ आने के साथ-साथ लम्बे समय तक याद रहेगा | अक्सर जब आप किसी टॉपिक को लेक्चर की तरह प्रस्तुत करते हैं, तो जाने अंजाने में आप महत्वपूर्ण पॉइंट्स को रखने का प्रयास करते हैं, जो आपके मन मस्तिष्क में पूरी तरह से बैठ जाता हैं।

2. अपनी एन्कोडिंग प्रक्रिया में सुधार करें :

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वस्तुतः एन्कोडिंग का अर्थ आप जो विषय पढ़ रहे हैं उसे समझने की क्षमता से संबंधित है। पढ़ाई हमेशा विषय को समझने के लिए करें। अक्सर देखा गया है, की कुछ लोग जिस विषय को पढ़ते हैं, उसकी महत्वपूर्ण अवधारणाओं और तथ्यों को रेखांकित (अंडरलाइन) कर लेते हैं, लेकिन इसका कोई तार्किक और ठोस वैज्ञानिक आधार नहीं है और आप अंडरलाइन / हाइलाइट करके सिर्फ यह समझते हैं, कि यह महत्वपूर्ण है लेकिन यहाँ इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि तथ्यों को आपने पूरी तरह से समझ लिया l जो भी आपने पढ़ा है उसका एक संक्षिप्त सारांश लिखने का प्रयास करें l आप संक्षिप्त में कुछ अन्य टिप्पणी भी कर सकते हैं, जैसे की किसी भी विषय को पढ़ने के बाद उसे संक्षिप्त में लिख कर देखना, उसके कुछ महत्वपूर्ण कीवर्ड्स लिखना, या डायग्राम बना कर उसे समझना आदि |

3. याद रखने की क्षमता बढ़ाऐ :

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जिस भी विषय को आप पढ़ रहें है, उसे पढ़ने के साथ साथ पुराने पढ़े विषय से कोरिलेट करें, इस तरीके से पढ़ने से आपकी याद रखने की क्षमता धीरे-धीरे और अच्छी होगी | और जब भी आप रिविज़न करेंगे आपके लिए रिविज़न करना भी आसान होता जायेगा | इसके लिए एन्कोडिंग प्रक्रिया भी एक अच्छा तरीका है |

4. अभ्यास करते रहें :

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टापिक को सिर्फ रिकॉल करना ही अभ्यास नहीं उसे समझ कर उस पर आधारित प्रश्नों को हल करने की कोशिश करें | spaced repetition principles का प्रयोग भी कर सकते हैं, जिसके ज़रिये आप कई आसान तरीकों से प्रश्नों को अच्छी तरह हल कर सकते हैं | पुराने परीक्षाओं के प्रश्नों को हल करने, दूसरों को समझाने के साथ-साथ अन्य सामाग्री का भी प्रय़ोग कर आप अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। यदि आपके पास एक उपन्यास या कहानी की किताब है, और आपने उसमें से कोई बहुत अच्छी जानकरी हासिल की है, तो इसका व्यवहारिक रूप में 1-2 दिनों के भीतर अवश्य अभ्यास करें। उसके बाद आप इसे 2 हफ्ते या 2 महीने के अंतराल पर पुनः अभ्यास करते रहें।

5. डायग्राम और तस्वीरें :

आपके मस्तिष्क का दृश्य (विजुअल) भाग बहुत बड़ा होता है – आकृतियों और चित्रों के ज़रिये चीजों को समझने की कोशिश करें | अगर कुछ ऐसा है, जिसे आपको याद रखने में परेशानी हो रही है, तो आप उसका चित्र बना कर उसे अपने कमरे में भी अपने सामने रख सकते हैं, ताकि उस पर आपकी नज़र जब भी जाये आप उसे आसानी से याद रख सकें |

6. जो आपने सीखा है उसे दूसरों को सिखाने का प्रयास करें :

याद करने की सबसे शक्तिशाली तकनीक यह है, कि आपने जो भी नयी जानकारी हासिल की है, या जो भी पढ़ा है, उसे अपने तक ही सीमीत ना रखें, बल्कि उसे दूसरों के साथ शेयर करें या उन्हें सिखाएं। ऐसा करने से आप पढ़ चुके टॉपिक को आसानी से रिकाल कर सकते हैं | यहाँ आपको कुछ ऐसे ही सवाल और उनके जवाब भी मिलेंगे |
 इसे दूसरों को सिखाने से क्या लाभ होगा?
चुपचाप याद करने के बजाय जो आपने सीखा है या पढ़ा है, उसे दूसरों को सिखाएं, यह आपको टॉपिक रिवीजन करने, याद करने और उसे दिमाग में बनाए रखने में मदद करता है।
मैं इसे कैसे प्राप्त कर सकता हूं?
लोगों से मिले : इनमें आपका एक करीबी दोस्त या फिर परिवार का कोई भी सदस्य हो सकते हैं। और यदि आप किसी से बात करने में शर्म महसूस करते हैं, तो आप यह कल्पना करें कि दो अदृश्य छात्र वास्तव में आपसे वही सीखना चाहते हैं जिसे आपने अभी अभी याद किया या सीखा है, और आप उसे स्पष्ट रूप से बताने का प्रयास करें l 

7.मेमोरी पैलेस का निर्माण करें :

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मेमोरी पैलेस को प्राचीन समय (ग्रीक और रोमन काल) से याद्दाश्त को तेज करने की एक तकनीक माना जाता है। यह एक पैलेस इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यहाँ हम महत्वपूर्ण चीजों जैसे याद रखने योग्य जानकारी को अपने दिमाग में संग्रह कर सकते हैं।

मेमोरी पैलेस के निर्माण के क्या लाभ हैं?
जब आप किसी बात या घटना को एक कहानी के रूप में बताते हैं, तो आपका मस्तिष्क बेहतर तरीके से जानकारी को याद रखता है,  इस तकनीक की सबसे बड़ी खूबी यह है, कि यह तकनीक उस कहानी को बताती है जहां जानकारी एकत्र रहती है।
आप कैसे शुरू कर सकते हैं ?
स्टेज 1: पहला चरण संवेदी स्मृति है। हम पहली बार जिस अनुभव से गुजरते हैं वो हमारे दिमाग में बस  जाता है। जब आप इस आर्टिकल को पढ़ रहे होंगे तो आपके दिमाग में भी कई तरह की गतिविधियां चल रही होंगी, जैसे डोरबेल, फोन की घंटी बज रही होगी, पक्षी चहचहा रहे होंगे आदि। यह सब आपकी संवेदी स्मृति से होकर गुजरती है जो (अगर ध्यान नहीं दिया जाय तो) समाप्त हो जाती है ।
स्टेज 2: स्मृति (याद्दाश्त) के दूसरे चरण में  यदि आप जो भी हो रहा है, उस घटना पर ध्यान केंद्रित करेंगे तो यह शॉर्ट टर्म मेमोरी (STM) में बदल जाएगी। (STM) में यह जानकारी 30-40 सेकेंड तक मौजूद होती है।
स्टेज 3: इस अवधि में आपको दी गयी जानकारी लंबे समय तक दिमाग में बनी रहती है, जिसे लॉन्ग  टर्म मेमोरी कहा जाता है।

8. अपने अध्ययन सत्र के बाद व्यायाम ज़रूर करें :

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याद्दाश्त को तेज करने के लिए व्यायाम जरूरी है, लेकिन समय भी एक बोहत महतवपूर्ण कुंजी है। वैज्ञानिकों के अनुसार जो लोग अपने अध्ययन सत्र के बाद कुछ समय के लिए व्यायाम करते हैं, उनका दिमाग व्यायाम नहीं करने वाले लोगों की तुलना में कुछ अतिरिक्त दिनों तक जानकारी को बेहतर तरीके से स्टोर कर सकता है। अध्ययन से पता चला है, कि व्यायाम से हिप्पोकैम्पस,  मस्तिष्क की सीखने की क्षमता तथा यादाश्त पर प्रभाव पड़ता है l

9. बड़ी (विस्तृत) जानकारी को छोटे भागो में बाँटें :

हम किसी भी समय सात भागों में किसी भी जानकारी को याद करने में सक्षम होते हैं। वास्तव में देखा जाए तो आपकी पढ़ाई के दौरान आप अधिकतम सात बार प्रयास करते हैं। तथ्यों की अत्यधिक विस्तृत जानकारी आपको संयुक्त जानकारी के रूप में मदद करती है ताकि आपको कम याद रखना पड़े ।
चंकिग का एक उदाहरण है कि यदि आप 2 4 6 3 7 1 3 से 6 9 2 संख्याओं को याद करने की कोशिश करते हैं, तो यह आपको बड़ी मुश्किल से याद होगा कि इसमें 10 नंबर हैं। लेकिन संख्या के संयोजन के बाद जैसे- 24 63 71 36 92  में ऱखने के बाद आप उन्हें और अधिक आसानी से याद कर सकते हैं।

10 पौष्टिक भोजन (संतुलित आहार) :

http://www.benefitsgoodnutrition.com/

आप खराब खाना खा रहे हैं, पूरी नींद नहीं ले रहें हैं और अधिक शराब पी रहे हैं तो आप न केवल अपने शरीर को कमजोर कर रहे हैं, बल्कि आप अपने दिमाग को भी कमज़ोर कर रहे हैं। आपको अपने मस्तिष्क को स्वस्थ और तेज बनाये रखने के लिए काम करना चाहिए।

खाने में विटामिन-डी, ओमेगा-3 का प्रयोग करें और वसा युक्त खाने से बचें। ओमेगा -6 वसा युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करने से मस्तिष्क को स्वस्थ बनाने में मदद मिलने के साथ साथ याददाश्त मेंभी सुधार होता है।
विटामिन सी- खट्टे फलों में पाया जाता है, जिससे दिमाग तेज होता है।
विटामिन-बी- इसे उम्र से संबंधित मस्तिष्क संकुचन और संज्ञानात्मक हानि से बचाव के लिए जाना जाता है। मछली, हरी पत्तेदार सब्जियां, मशरूम, मूंगफली, तिल के बीज और अंडे आपके मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

विटामिन-के- ब्रोकली, गोभी, सरसों के साग, पालक में पाया जाता है जो मस्तिष्क कोशिका के विकास के लिए आवश्यक है।

हमेशा ध्यान रखें कि “विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने हमारे जीवन में क्रांतिकारी बदलाव किया है, लेकिन स्मृति, परंपरा और मिथ हमारी प्रतिक्रिया को दर्शाते हैं”।

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