खत्म हुआ टैक्स आतंक का दौर अब ग्राहक होगा किंग : मोदी
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लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा कि पांच बातें, मैन, मशीन, मटेरियल, मनी और मिनट का सदुपयोग करने पर अर्थव्यवस्था को बढ़ने के लिए अवसर नहीं तलाशने पड़ते हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अब जबकि देश में जीएसटी लागू कर एक टैक्स व्यवस्था लाने की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया गया है, पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे ग्राहकों को ‘किंग’ बनाने वाला विधेयक बताया है। लोकसभा में इस विधेयक पर जारी चर्चा में हिस्सा लेते हुए मोदी ने जीएसटी को देश में टैक्स आतंक खत्म करने वाला बताया जो अप्रत्यक्ष कर संग्रह की पूरी व्यवस्था को पारदर्शी बनाएगा व भ्रष्टाचार को कम करने में भी मदद करेगा।
दशक भर की राजनीतिक जद्दोजहद के बाद पिछले हफ्ते राज्य सभा से पारित जीएसटी संविधान (122वां) विधेयक सोमवार को लोकसभा में करीब छह घंटे की चर्चा के बाद सर्वसम्मति से पास हो गया। कांग्रेस की ओर से 18 फीसद कैपिंग और इसे मनी बिल के रूप में न लाने की मांग को परोक्ष तौर पर फिर से नकार दिया गया। संविधान संशोधन का यह विधेयक लोकसभा में 443 मतों से पारित हुआ। हालांकि अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने वित्त मंत्री के जवाब से असंतुष्टि प्रकट करते हुए सदन से बर्हिगमन किया। फिर भी पिछले कई वर्षो में सोमवार को ऐतिहासिक सर्वसम्मति दिखी।
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एक संशोधन को छोड़कर किसी भी मुद्दे पर कोई नकारात्मक वोटिंग नहीं हुई। हालांकि इसकी वजह गफलत ज्यादा रही। अब सरकार की कोशिश इस विधेयक को जल्दी से जल्दी राज्यों के विधान मंडलों से पारित करवाने की होगी। देश के 16 से ज्यादा राज्यों के विधान मंडलों को इसकी मंजूरी देनी होगी। सरकार ने पहले ही तैयारी कर ली है कि राजग शासित राज्य इसी महीने इसे अपनी विधानसभा से पारित करा देंगे। जबकि सितंबर तक बाकी के जरूरी राज्यों से भी सहमति के आसार है। सरकार की मंशा इसे अप्रैल, 2017 से लागू करने की है।
लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ कर दिया कि जीएसटी विधेयक मनी बिल नहीं होगा। साथ ही उन्होंने स्थानीय निकायों के राजस्व के संबंध में क्षेत्रीय दलों की चिंता दूर करते हुए कहा कि राज्य अपने हिस्से के जीएसटी से इन निकायों को राशि दे सकते हैं। लोकसभा में जब संशोधन विधेयक पेश किया गया तो पीएम तकरीबन ढ़ाई घंटे तक वहां उपस्थित रहे। कांग्रेस की तरफ से जीएसटी विधेयक के असली ‘जन्मदाता’ होने का दावा पेश करने के बीच पीएम ने कहा कि इसका पारित होना न तो किसी दल की सफलता है और न ही किसी सरकार की। यह भारत की उच्च लोकतांत्रिक परंपराओं की जीत है। यह अभूतपूर्व सहमति का समय है।
जीएसटी लागू होने पर महंगाई बढ़ने के कयास लगा रहे लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू कर हम सबसे बड़ा संदेश यह देंगे कि अब ग्राहक ही राजा होगा। गरीबों के लिए जरुरी चीजों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। इससे गरीबी को दूर करने में भी मदद मिलेगी। गरीबों को जीएसटी के रूप में ऐसा हथियार मिलेगा जिससे वह गरीबी दूर करने के लिए कदम उठा सकेंगे। बैंकों में भी पारदर्शिता आएगी। वे गरीबों को कर्ज देने में आनाकानी नहीं करेंगे। छोटे उद्यमियों को भी उनके रिकार्ड के हिसाब से आसानी से कर्ज मिलेगा क्योंकि अब सब कुछ ऑन लाइन होगा।
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छोटे उद्यमियों को दूसरे तरीके से भी फायदा होगा क्योंकि इससे औसतन 13 किस्मों के करों का खात्मा करेगा। मोदी ने जीएसटी को अर्थव्यवस्था को पांच तरीके से मदद पहुंचाने की बात कही। अपने अंदाज में मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए पांच एम की जरुरत होगी जिसे जीएसटी पूरा करता है। ये एम हैं मनी (निवेश), मैन (श्रम), मशीन, मैटेरियल (उत्पाद) और मिनट (समय)। एक अंतरराष्ट्रीय शोध का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि सिर्फ चुंगी प्रथा खत्म होने की वजह से ही 1.40 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। चुंगी की वजह से ट्रकों का काफी समय बर्बाद होता है जो अब नहीं होगा। इससे पर्यावरण को लाभ होगा।
देश को कम पेट्रोलियम उत्पाद कम आयात करना होगा जिससे भी बचत होगी। मोदी ने जीएसटी की वजह से देश के पूर्वी राज्यों में ज्यादा विकास होने की बात कही। उन्होंने कहा कि अभी पश्चिमी राज्यों में ज्यादा विकास होता है लेकिन जीएसटी से उन राज्यों को सबसे ज्यादा लाभ होगा जो अभी तक सिर्फ उपभोग कर रहे थे। मोदी का संकेत पूर्वी राज्यों की तरफ था जहां औद्योगिकीकरण कम हुआ है।
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यही वजह है कि मोदी ने जीएसटी को पारदर्शिता व बदलाव लाने के लिए बड़े कदम (ग्रेट स्टेप फॉर ट्रांसफॉरमेशन व ट्रांसपेरेंसी) के तौर पर परिभाषित किया। पारदर्शिता आने की वजह से राज्यों को मालूम होगा कि केंद्र के पास कितना पैसा आ रहा है और उनके पास कितना आ रहा है। ऐसे में केंद्र व राज्यों के बीच भी संबंध मजबूत होंगे। यह देश के फेडरल ढांचे को मजबूत करेगा। इन वजहों से भ्रष्टाचार कम होगा और काले धन को रोकने में भी सफलता मिलेगी।
जीएसटी पर मोदी ‘पंच’
1. ग्राहक होगा किंग व कम होगा भ्रष्टाचार
2. आएगी पारदर्शिता व बनेगा बदलाव का वाहक
3. चुंगी व्यवस्था खत्म होने से 1.40 लाख करोड़ की होगी बचत
4. पर्यावरण की होगी सुरक्षा, बेहतर होंगे केंद्र-राज्य संबंध
5. किसी दल की नहीं लोकतंत्र की विजय
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