क्या मनुष्य के कष्ट का कारण उसके पिछले जन्मों के कर्म हैं?
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आध्यात्मिक गुरुओं का कहना है कि पीड़ा होना पिछले बुरे कर्मों का परिणाम है। अगर कोई घरेलू हिंसा से पिड़ित है तो क्या वह उस सजा के लायक है क्योंकि यह उसके पिछले कर्मों का परिणाम है?
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