कावेरी विवाद: बेंगलुरू में लगायी गयी धारा 144, कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन
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कावेरी जल विवाद पर प्रदर्शन और हिंसक हो गया और कई जगहों पर गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। जिसके बाद कर्नाटक के सीएम ने मंगलवार को इस मुद्दे पर आपात बैठक बुलायी है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दो राज्यों के बीच कावेरी के जल विवाद पर उच्चतम न्यायालय की तरफ से दिए गए फैसले के बाद जो प्रदर्शन की चिनगारी भड़की है वह शांत होने का नाम नहीं ले रही है। तमिलनाडु को पानी देने का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने बेंगलूरु-मैसूर रोड पर कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और तमिलनाडु नंबर की गाड़ियों को चुन-चुनकर निशाना बनाया।
बेगलुरू सिटी में धारा 144
स्थिति की भयावह का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि प्रदर्शन से निपटने के लिए पुलिस की तरफ से पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए थे उसके बावजूद वो सारे इंतजाम उन प्रदर्शनकारियों के सामाने नाकाफी दिख रहे थे। कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर के मुताबिक शाम करीब 5 बजे के बाद ऐहतियाती कदम उठाते हुए बेंगलुरू शहर में धारा 144 लगा दी गई है।
कर्नाटक के गृहमंत्री ने कहा-अन्याय हुआ
परमेश्वर ने आगे कहा कि हम यह बात जानते हैं कि हमारे साथ न्याय नहीं हुआ है। उसके बावजूद अगर कोई प्रदर्शन करना चाहता है तो वह शांतिपूर्वक प्रदर्शन करे। उन्होंने आगे कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए हमें पर्याप्त मदद की और पर्याप्त मात्रा में पुलिस की तैनाती की गयी।
भारी पुलिस बल की मौजूदगी
राज्य में हालात पर काबू पाने के लिए 15 हजार पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। क्विक रिएक्शन टीम, रैपिड एक्शन फोर्स, सिटी आर्मड रिजर्व पुलिस, कर्नाटक स्टेट रिजर्व पुलिस की टुकड़ियों को शहर भर में लगाया गया है। पुलिस ने राज्यभर में 270 पेट्रोलिंग व्हीकल चीता भी लगाए हैं जो राज्यभर में गश्त लगा रहे हैं। बेंगलुरू पुलिस लगातार लोगों से किसी भी अफवाह पर ध्यान ना देने की अपील की है। पुलिस ने ये भी कहा है कि इस माहौल में घबराएं नहीं ब्लकि शांति से काम लें।
सिद्धारमैया ने जयललिता को लिखा खत
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को राज्य के हालात को लेकर पत्र भी लिखा है।
Karnataka CM Siddaramaiah writes to the CM of Tamil Nadu Jayalalithaa over violent protests #CauveryIssue pic.twitter.com/33yPargngz
— ANI (@ANI_news) September 12, 2016
एआईएडीएमके नेता सीआर सरस्वती ने कहा है कि तमिलनाडु में रहने वाले सभी कर्नाटकवासी पूरी तरह से सुरक्षित हैं, उनकी सुरक्षा को लेकर किसी को कोई चिंता नहीं करनी चाहिए। पुलिस का कहना है कि मैसूर रोड पर गाड़ियों में आग लगाने की तीन घटनाएं दर्ज की गयी हैं और हालात नियंत्रण में हैं। ट्रैफिक सामान्य की तरह चल रहा है। हालात ना बिगड़े इसके लिए अतिरिक्त पुलिस बलों को तैनात किया जा रहा है।
Protest over Cauvery water issue: Pro-Kannada activists vandalise vehicles in Bengaluru. pic.twitter.com/DoBMUSn0av
— ANI (@ANI_news) September 12, 2016
इससे पहले कावेरी जल विवाद पर कर्नाटक द्वारा दायर संशोधन याचिका पर संज्ञान लेते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने पानी देने की मात्रा घटा दी है। कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा कि कर्नाटक रोजाना तमिलनाडु को 12000 क्यूसेक पानी 20 सितंबर तक दे। बता दें इससे पहले कोर्ट ने 15000 क्यूसेक पानी रोज़ाना छोड़ने का आदेश दिया था। कावेरी विवाद में हिंसक प्रदर्शन पर कर्नाटक के सीएम ने कहा कि दोनों राज्यों के लोगों को शांति बरतने की जरूरत है। हिंसक प्रदर्शन से किसी भी राज्य का फायदा नहीं होने वाला है।
‘दोबारा करेंगे अपील’
सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले पर कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वरा ने कहा कि अदालत ने पानी की मात्रा को घटा दिया है लेकिन दिनों की संख्या में इजाफा कर दिया है। इसे न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता है। कर्नाटक सरकार सुप्रीम कोर्ट में 20 सितंबर के बाद एक बार फिर अपील करेगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का लोगों को सम्मान करना चाहिए।
WATCH: Pro-Kannada activists set a vehicle on fire in Bengaluru during Protest over Cauvery water issue pic.twitter.com/FSMmpQ0FzT
— ANI (@ANI_news) September 12, 2016
न्यायालय ने क्या कहा ?
जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने कर्नाटक सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ‘भारतीय नागरिकों और इस देश की कार्यपालिका को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को हर हाल में स्वीकारना होगा। अगर कोई दुविधा है तो वे कोर्ट के समक्ष आकर आदेश में संशोधन की मांग कर सकते है।’
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कर्नाटक ने फैसले में संशोधन की अपील की थी
बता दें कि कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर कर आदेश में संशोधन की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि तमिलनाडु ने जिस तरह की व्यथा का दावा किया है वहां ऐसा जल संकट है ही नहीं। लिहाजा तमिलनाडु को दिए जाने वाले 15 हजार क्यूसेक पानी को 10 हजार क्यूसेक किया जाए। अर्जी पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने पानी की मात्रा को 12 हजार क्यूसिक कर दी।
सुप्रीम कोर्ट का क्या था आदेश ?
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर को कर्नाटक सरकार को आदेश दिया था कि वह अगले 10 दिन तक कावेरी नदी का रोजना 15 हज़ार क्यूसेक पानी तमिलनाडु को सप्लाई करे। कोर्ट के इस फैसले के बाद से कर्नाटक के लोगों में नाराजगी है। तमिलनाडु को पानी दिए जाने के विरोध में राज्य के मांड्या समेत कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन जारी हैं। कावेरी सुपरवाइजरी कमेटी तमिलनाडु और दूसरे राज्यों को कितना पानी छोड़ा जाए इस पर फैसला लेने के वक्त कावेरी डिस्प्यूट्स ट्राइब्यूनल के अंतिम आदेश का पालन करेगी। केंद्रीय जल संसाधन सचिव शशि शेखर कावेरी सुपरवाइज़री कमेटी के प्रमुख हैं। आज इस कमेटी की बैठक होने वाली है।
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