कश्मीर को भारतीय सेना की कब्रगाह बना दूंगा: सैयद सलाउद्दीन
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कश्मीर में आतंक और दहशत का पर्याय बन चुके हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन ने कश्मीर में आत्मघाती हमलों की झड़ी लगाने की धमकी दी है।
नई दिल्ली। कश्मीर का मोस्ट वांटेड आतंकी और घाटी में हिंसक घटनाओं को भड़काने वाले हिजबुल मुजाहिद्दीन के मुखिया सैयद सलाउद्दीन ने कश्मीर विवाद के किसी भी तरह के शांतिपूर्ण राजनीतिक समाधान में व्यवधान उत्पन्न करने की शपथ ली है।
उसने कश्मीर में और ज्यादा आत्मघाती दस्ते तैयार करने की धमकी दी है। सलाउद्दीन ने धमकी दी है कि वह घाटी को ‘भारतीय फौजों की कब्रगाह’ बना देगा। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में उसने कहा है कि वह इस लड़ाई को कश्मीर से बाहर ले जाएगा।
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इस इंटरव्यू में उसने कहा कि आतंकवाद के अलावा कश्मीर का कोई समाधान नहीं है। सलाउद्दीन ने कहा, “कश्मीर के नेताओं, वहां के वाशिंदो तथा मुजाहिद्दीन को यह मान लेना चाहिए कि कश्मीर मुद्दे का कोई औपचारिक और शांतिपूर्ण रास्ता नहीं हो सकता।”
उसने धमकी दी देते हुए कहा कि कश्मीर में ‘मकसदपूर्ण सशस्त्र छेड़ने’ के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हिजबुल के इस आतंकी का बयान ऐसे समय में आया है जब गृहमंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाला एक प्रतिनिधिमंडल आज कश्मीर दौरे पर गया है। हिजबुल के सरगना ने कहा कि घाटी में उसके कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में आंदोलन महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच चुका है। उसने कहा ‘ये कर्बानियां व्यर्थ नहीं होंगी। वे बल प्रयोग द्वारा अलगाववादियों तथा आजादी की मांग करने वाले आंदोलन को और मजबूत करेंगे। जब तक भारत कश्मीर को एक विवादित जगह नहीं मानता तब तक बातचीत का सवाल ही नहीं उठता।’
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सलाउद्दीन ने धमकी दी कि हिजबुल की लड़ाई केवल कश्मीर तक ही सीमीत नहीं रहेगी बल्कि पूरे इलाके को अपने आगोश में ले लेगी।कश्मीर में कई आतंकी वारदातों और आत्मघाती हमलों को अंजाम दे चुके सलाउद्दीन ने अपने इन हमलों को जायज ठहराते हुए कहा, “आंध्र प्रदेश, मद्रास, असम, नागालैंड, हरियाणा, बिहार और दिल्ली के सैनिक हमारे घरों की शुचिता पर हमला करते हैं तो हम आत्मघाती हमले करने और इसे जायज मानने को मजबूर होंगे।”
1987 में कश्मीर में विधानसभा चुनाव लड़ चुके इस आतंकी ने कहा कि कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया एक धोखा है और वहां पूरा इलाका अलगाववादी नेताओं के साथ में हैं। सलाउद्दीन ने कहा, “मेरा हथियार उठाने का प्रमुख कारण जम्मू-कश्मीर में फर्जी और धांधली वाले चुनाव करवाना है।”
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सैयद सलाहुद्दीन 1990 से पहले कश्मीर में यूसुफ शाह के नाम से जाना जाता था। अब वह पाकिस्तान में यूनाइडेट जिहाद काउन्सिल का सरगना है। बाजपेयी सरकार के समय वर्ष 2000 कहा जा रहा था कि बातचीत की मेज पर आने को तैयार था लेकिन पाकिस्तान के दवाब के कारण वह पीछे हट गया था।
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