ओलंपिक 2024 में 50 पदक जीतने का लक्ष्य
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रियो ओलंपिक में भारतीय दल के खराब प्रदर्शन के बाद हरकत में आई सरकार 2024 के ओलंपिक खेलों में 50 पदक जीतने का लक्ष्य तय करने जा रही है
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रियो ओलंपिक में भारतीय दल के खराब प्रदर्शन के बाद हरकत में आई सरकार 2024 के ओलंपिक खेलों में 50 पदक जीतने का लक्ष्य तय करने जा रही है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए नीति आयोग ने 20 सूत्रीय कार्य योजना भी तैयार की है। नीति आयोग ने ओलंपिक में इस मुकाम को हासिल करने के लिए दस खेलों पर ही फोकस करने की सिफारिश की है।नीति आयोग ने बुधवार को इस कार्ययोजना को सार्वजनिक किया।
‘दैनिक जागरण’ ने रविवार को सबसे पहले इस संबंध में खबर दी थी कि सरकार की नजर 50 ओलंपिक पदकों पर है और नीति आयोग जल्द ही इस संबंध में एक कार्ययोजना का एलान करेगा। नीति आयोग का कहना है कि इस कार्ययोजना पर आम लोगों की प्रतिक्रिया मिलने के बाद सरकार इसे अंतिम रूप दे देगी। खास बात यह है कि आयोग ने ओलंपिक खेलों में भारत का प्रदर्शन सुधारने के लिए अल्पावधि, मध्यावधि और दीर्घावधि तीन श्रेणियों में कार्य योजना सुझाई है। आयोग ने ओलंपिक खेलों में प्रदर्शन सुधारने के लिए बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक 2013 के मसौदे को कानून का रूप देकर लागू करने की सिफारिश भी की है ताकि खेलों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोका जा सके।साथ ही इससे खेलों की संस्थाओं का बेहतर प्रशासन और प्रबंधन भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
आयोग का कहना है कि भारत को एक साथ सभी खेलों पर फोकस करने के बजाय सिर्फ दस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इस संबंध में आयोग ने भारत को केन्या और जमैका जैसे देशों से सीख लेने को कहा है, जो सिर्फ दो खेलों में भाग लेकर बहुत से पदक पाने में कामयाब रहे हैं। आयोग का कहना है कि 1968 के ओलंपिक खेलों में ब्रिटेन ने मात्र 13 पदक जीते थे, जबकि 2016 में उसने 67 पदक हासिल किए। आयोग ने 12 से 18 वर्ष की आयु के खिलाड़ियों को स्पेशल एरिया गेम्स के तहत मिलने वाली 12000 रुपये वार्षिक मानदेय राशि को बढ़ाने की सिफारिश भी की है। साथ ही विश्व स्तरीय प्रशिक्षक भी मुहैया कराने को कहा है। आयोग का यह भी कहना है कि खिलाड़ियों को कम उम्र से ही तराशने पर जोर दिया जाना चाहिए। इसके लिए स्कूलों में खेल को प्रोत्साहन तथा पीपीपी आधार पर खेलों को बढ़ावा देने पर विचार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही 13 से 19 वर्ष के खिलाड़ियों के लिए देश के अलग-अलग भागों में इंडियन यूथ ओलंपिक के आयोजन का सुझाव भी दिया गया है। आयोग ने ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की तर्ज पर खिलाड़ियों के अलग से युवा खिलाड़ी बीमा योजना भी शुरू करने की सिफारिश की है। इसमें खिलाड़ियों को चोट लगने से लेकर उनकी स्पोर्ट्स किट खोने या व्यक्तिगत दुर्घटना होने पर समुचित वित्तीय मदद मिल सकेगी।
इसके अलावा 2020 तक सभी राज्यों में कम से कम एक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की सिफारिश भी इस कार्ययोजना में की गई है। इस कार्ययोजना में तत्काल देश में एक स्पोर्ट्स डिजिटल लाइब्रेरी बनाने की सिफारिश भी की गई है, जिसमें वीडियो सहित खिलाड़ियों के लिए बहुत सी जानकारी होगी। आयोग ने आइपीएल, हॉकी लीग और इंडियन बैडमिंटन लीग का विज्ञापन फिल्म स्टारों से कराने और प्रायोजकों के माध्यम से धनराशि जुटाने की सिफारिश की है। आयोग ने खिलाड़ियों, खेल संस्थाओं और प्रशिक्षकों के प्रदर्शन की समीक्षा करने को भी कहा है।
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