इसीलिए तो यहाँ बलि देने की परम्परा आज भी बरकरार है

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कोलाकता वाली माँ काली माँ से मांगी गई सभी मुरादें क्षण में पुरी हो जाती है.! सिद्धि प्राप्ति के लिए पंडितों और साधुओं का जमावड़ा लगा रहता है!

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