इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने अपने रियो ओलंपिक वाले सभी 36 रेफरी और जज हटाए
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इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने अपने उन सभी 36 रेफरी और जजों को बैन करने का फैसला किया है, जो रियो ओलिंपिक में शामिल हुए थे।
लौसाने (पीटीआइ)। इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ने (एआइबीए) ने कड़ी आलोचना के बाद अपने उन सभी 36 रेफरी और जजों को बैन करने का फैसला किया है, जो रियो ओलिंपिक में शामिल हुए थे। इन्हें आगामी आयोजनों के लिए जांच पूरी होने तक बैन कर दिया गया है। इसके अलावा एसोसिएशन अपने विवादास्पद 10 प्वाइंट स्कोरिंग सिस्टम में बदलाव करने पर भी विचार कर रहा है।
अपने रेफरी और जजों और टेक्निकल और रूल्स कमिशन की बैठक में एआइबीए ने नए ओलंपिक से पहले सकारात्मक कदम उठाने का फैसला किया। एआइबीए के अध्यक्ष डॉ. चिंग को वू ने बैठक के बाद कहा, ‘रियो हमारे लिए एक बुरे सपने की तरह था। बॉक्सिंग हमेशा सकारात्मक चीजों के लिए चर्चा में रहती है, पर कभी-कभार गलत चीजों के लिए भी ऐसा होता है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘एक संगठन के तौर पर हम साथ खड़े हैं और मैं इस हफ्ते अपने अपार अनुभवी सदस्यों के उठाए गए कदमों से बहुत खुश हूं। उनके अनुभव से हमें अगले ओलंपिक दौरे की तैयारी करने में मदद मिलेगी।’ एआइबीए ने कहा कि रियो में बॉक्सिंग के ज्यादातर फैसलों को सराहा गया, जबकि कुछ फैसले ऐसे थे, जिनकी आलोचना हुई और रेफरी और जजों में बदलाव की मांग उठी।
आपको बता दें कि रियो ओलंपिक में बॉक्सरों ने फैसलों की काफी आलोचना की थी। सबसे चर्चित मामला आयरिश खिलाड़ी माइकल कोलान का रहा, जिन्हें रूस के व्लादीमिर निकितिन से हुए मुकाबले में लगातार हावी रहने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच में निकितिन की इतनी पिटाई हुई थी कि वह अगले मैच में नहीं उतर सके थे और विपक्षी खिलाड़ी को वॉकओवर मिल गया था।
इस मैच के बाद कोलान प्रोफेशनल बॉक्सिंग में चले गए। जजों और रेफरी को बैन करने वाली वैश्विक संस्था ने हालांकि 10 प्वाइंट वाले सिस्टम में अपना भरोसा जताया है। एआइबीए का मानना है कि इससे कई बार फैसलों पर बहस होती है, पर यह स्कोरिंग का बेस्ट सिस्टम है। बैठक में कहा गया है कि भविष्य के मैचों के लिए सभी पांच जजों के स्कोरकार्ड से विजेता का फैसला होगा।
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