आर्थिक सुधार की नीति तय करने में कांग्रेस की कोई भूमिका नहीं थी: जेटली
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वित्त मंत्री ने कहा कि हमें मनमोहन सिंह के उन शब्दों का सम्मान करना चाहिए जब उन्होंने कहा था कि विकास नीति में बदलाव के फैसले को लेकर वो बिलकुल अकेले पड़ गए थे।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली के मुताबिक साल 1991 में आई उदारीकरण, वैश्विकरण और निजिकरण की नीति के पीछे कांग्रेस का कोई हाथ नहीं था, उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधारों का पूरा श्रेय तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव को मिलना चाहिए। अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए इंटरव्यू में जेटली ने कहा कि 1991 में भारत भुगतान संतुलन के संकट से गुजर रहा था, चीन ने भी स्थिति को भांपते हुए विकास का सालों पुराना मॉडल छोड़ते हुए नए मॉडल की तरफ काम कर रहा था।
उन्होंने आगे कहा कि चीन उस समय भारत से जनसंख्या, साक्षरता, गरीबी जैसे आंकड़ो में बराबर ही था, भारत को भी अपनी विकास की नीति बदलने की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि विकास नीति में परिवर्तन लाने का श्रेय नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह को जाता है जिन्होंने इस अवसर को समझा और उसे अपना लिया।
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वित्त मंत्री ने कहा कि हमें मनमोहन सिंह के उन शब्दों का सम्मान करना चाहिए जब उन्होंने कहा था कि विकास नीति में बदलाव के फैसले को लेकर वो बिलकुल अकेले पड़ गए थे। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव ने आर्थिक विकास को नई दिशा कांग्रेस के साथ मिलकर नहीं बल्कि कांग्रेस के बिना समर्थन के दी।
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